श्लोक
रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः ।
विद्याहीनाः न शोभन्ते निर्गन्धाः इव
किंशुकाः ॥
अन्वय
(ये) रूपयौवनसम्पन्नाः, विशाल-कुल-सम्भवाः, विद्याहीनाः (सन्ति । ते) निर्गन्धाः किंशुकाः इव न शोभन्ते ।
अर्थात्
(जो लोग) सुंदर रूप, युवावस्था से युक्त, ऊँचे कुल में उत्पन्न, विद्या से हीन (हैं । वे) बिना सुगंध वाले पलाश के फूल के समान शोभा नहीं करते हैं ।
Meaning in English
(The people) who are beautiful and fitted with puberty, Born in a higher clan and are
knowledge deficient. (They) do not suit as like a Bastard Teak flower which is without
any fragrance.