September 30, 2015

Sanskrit Shlok

श्लोक

न तथा शीतलसलिलं न चन्दनरसो न शीतला छाया।
प्रह्लादयति च पुरुषं, यथा मधुरभाषिणी वाणी॥

अन्वय

यथा मधुरभाषिणी वाणी पुरुषम् प्रह्लादयति तथा शीतल-सलिलम् न, चन्दनरसः न, शीतला छाया च न (प्रह्लादयति) ।

अर्थात्

जैसे मीठी वाणी मनुष्य के दिल को खुश करती है, वैसे न तो ठंडा जल, न चंदन का रस और न ठंडी छाया मनुष्य के दिल को प्रसन्न करती है।

Meaning in English


As sweet voice pleases the heart of a human, likewise neither cold water nor the essence of sandal tree nor the cold shade make the heart of a human to feel happy.

September 29, 2015

Sanskrit Shlok

श्लोक

माधुर्यमक्षरव्यक्तिः पदच्छेदस्तु सुस्वरः।
धैर्यं लयसमर्थं च षडेते पाठका गुणाः॥

अन्वय

माधुर्यम्, अक्षरव्यक्तिः, पदच्छेदः, तु सुस्वरः, धैर्यम्, लयसमर्थम्, च एते षट् पाठकगुणाः (सन्ति)।

अर्थात्

मधुरता, स्पष्ट बोलना, बड़े-बड़े शब्दों को तोड़ना, सुंदर स्वर (मीठे स्वर) में बोलना, धैर्यपूर्वक बोलना, लय सहित बोलना, ये पाठकों के छः गुण हैं।

Meaning in English


Sweetness, distinct pronunciation of syllables, separating the words, to speak in a sweet voice, to speak patiently and capability to pronounce sounds with proper place and manner of articulations. These are six qualities of a reader.  

September 25, 2015

Sanskrit Shlok

श्लोक

शुश्रुषा श्रवणं चैव ग्रहणं धारणं तथा ।
ऊहापोहार्थविज्ञानं तत्वज्ञानं च धीगुणाः॥

अन्वय

शुश्रुषा, श्रवणं च एव, ग्रहणं तथा धारणं, ऊह-अपोह, अर्थविज्ञानम्, तत्वज्ञानम् च धीगुणाः (सन्ति)।
अर्थात्

सुनने की इच्छा और ध्यान से सुनना, लेना तथा धारण करना, पक्ष में बोलना, विपक्ष मे बोलना, अर्थों का ज्ञान और तत्वों का ज्ञान ही बुद्धि के आठ गुण हैं।

Meaning in English 


Desire to listen and to listen carefully, to take and to follow, to speak in favour and to speak in against, knowledge of meanings and knowledge of elements are eight qualities of mind.

September 24, 2015

Sanskrit Shlok

श्लोक 

नास्ति विद्यासमम् चक्षुः नास्ति सत्यसमम् तपः।
नास्ति रागसमम् दुःखम् नास्ति त्यागसमम् सुखम्।।

अन्वय

विद्यासमम् चक्षुः न अस्ति, सत्यसमम् तपः न अस्ति।रागसमम् दुःखम् न अस्ति, त्यागसमम् सुखम् न अस्ति।

अर्थात् 

विद्या के समान आँखें नहीं होती, सत्य के समान साधना नहीं होती। मोह के समान दुख नहीं होता तथा त्याग के समान सुख नहीं होता।

Meaning in English 


There are no eyes like education, there is no penance like truth, there is no grief like desire and there is no happiness like sacrifice.

श्लोक

श्लोक श्रूयतांधर्मसर्वस्वंश्रुत्वाचैवावधार्यताम्। आत्मन्ःप्रतिकूलानिपरेषां न समाचरेत्॥ अन्वयः धर्मसर्वस्वंश्रूयतां, श्रुत्वा ...