September 30, 2015

Sanskrit Shlok

श्लोक

न तथा शीतलसलिलं न चन्दनरसो न शीतला छाया।
प्रह्लादयति च पुरुषं, यथा मधुरभाषिणी वाणी॥

अन्वय

यथा मधुरभाषिणी वाणी पुरुषम् प्रह्लादयति तथा शीतल-सलिलम् न, चन्दनरसः न, शीतला छाया च न (प्रह्लादयति) ।

अर्थात्

जैसे मीठी वाणी मनुष्य के दिल को खुश करती है, वैसे न तो ठंडा जल, न चंदन का रस और न ठंडी छाया मनुष्य के दिल को प्रसन्न करती है।

Meaning in English


As sweet voice pleases the heart of a human, likewise neither cold water nor the essence of sandal tree nor the cold shade make the heart of a human to feel happy.

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श्लोक

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