श्लोक
शुश्रुषा
श्रवणं चैव ग्रहणं धारणं तथा ।
ऊहापोहार्थविज्ञानं
तत्वज्ञानं च धीगुणाः॥
अन्वय
शुश्रुषा,
श्रवणं च एव, ग्रहणं तथा धारणं, ऊह-अपोह, अर्थविज्ञानम्, तत्वज्ञानम्
च धीगुणाः (सन्ति)।
अर्थात्
सुनने की इच्छा और ध्यान
से सुनना, लेना तथा धारण करना, पक्ष
में बोलना, विपक्ष मे बोलना, अर्थों का
ज्ञान और तत्वों का ज्ञान ही बुद्धि के आठ गुण हैं।
Meaning in English
Desire to listen and to listen carefully, to take and to
follow, to speak in favour and to speak in against, knowledge of
meanings and knowledge of elements are eight qualities of mind.
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