(निम्नलिखित श्लोक श्री आदिगुरु शङ्कराचार्य द्वारा
लिखित प्रश्नोत्तररत्नमालिका से लिये गये हैं। इन श्लोकों की विशेषता यह है कि
इनमें प्रश्न पूछे गये हैं तथा साथ ही उनके उत्तर भी दिये गये हैं।)
श्लोक
कोऽन्धः? योऽकार्यरतः, को बधिरः? यो हितानि न शृणोति।
को मूकः? यः काले प्रियाणि वक्तुं
न जानाति॥
अन्वय
अन्धः कः? यः अकार्यरतः।
बधिरः कः? यः
हितानि न शृणोति। मूकः कः? यः काले प्रियाणि वक्तुं न जानाति॥
अर्थात्
अन्धा कौन है ? जो बुरे कार्यों में संलग्न रहता है । बहरा कौन है ?
जो हितकारी बातों को नहीं सुनता । गूँगा कौन है ? जो उचित समय पर प्रिय वाक्य बोलना नहीं जानता ।