October 26, 2015

Prashnottarratnamaalika

(निम्नलिखित श्लोक श्री आदिगुरु शङ्कराचार्य द्वारा लिखित प्रश्नोत्तररत्नमालिका से लिये गये हैं। इन श्लोकों की विशेषता यह है कि इनमें प्रश्न पूछे गये हैं तथा साथ ही उनके उत्तर भी दिये गये हैं।)


श्लोक

कोऽन्धः? योऽकार्यरतः, को बधिरः? यो हितानि न शृणोति।
को मूकः? यः काले प्रियाणि वक्तुं न जानाति॥

अन्वय

अन्धः कः? यः अकार्यरतः। बधिरः कः? यः हितानि न शृणोति। मूकः कः? यः काले प्रियाणि वक्तुं न जानाति॥
  
अर्थात्

अन्धा कौन है ? जो बुरे कार्यों में संलग्न रहता है । बहरा कौन है ? जो हितकारी बातों को नहीं सुनता । गूँगा कौन है ? जो उचित समय पर प्रिय वाक्य बोलना नहीं जानता ।

No comments:

Post a Comment

श्लोक

श्लोक श्रूयतांधर्मसर्वस्वंश्रुत्वाचैवावधार्यताम्। आत्मन्ःप्रतिकूलानिपरेषां न समाचरेत्॥ अन्वयः धर्मसर्वस्वंश्रूयतां, श्रुत्वा ...