(निम्नलिखित श्लोक श्री
आदिगुरु शङ्कराचार्य द्वारा लिखित प्रश्नोत्तररत्नमालिका से लिये गये हैं। इन
श्लोकों की विशेषता यह है कि इनमें प्रश्न पूछे गये हैं तथा साथ ही उनके उत्तर भी
दिये गये हैं।)
श्लोक
कोऽनर्थफलः ? मानः, का सुखदा ? साधुजनमैत्री ।
सर्वव्यसनविनाशे को दक्षः ? सर्वथा त्यागी ॥
अन्वय
अनर्थफलः कः ? मानः, सुखदा का ? साधुजनमैत्री । सर्वव्यसनविनाशे
कः दक्षः ? सर्वथा त्यागी ॥
अर्थात्
बुरा फल देने वाला क्या है ? अहंकार । सुख देने वाली कौन है ?
साधुजनों की मित्रता । समस्त बुराइयों का विनाश करने में कौन
निपुण है ? सब
प्रकार से त्याग करने वाला व्यक्ति ।
Meaning in English
What gives evil results? Ego. Who gives pleasure? Friendship
of noble persons. Who is accomplished in the destruction of all the vices? A
person who can sacrifice in every way.
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